8TH SEMESTER ! भाग- 56 ( Meditation -1| Nisha)
अजीब..? बहुते अजीब था. इससे भी ज्यादा अजीब बात एक और थी, वो ये कि निशा ने वाइट ड्रेस पहन रक्खी थी, जो अक्सर चर्च मे शादी के दौरान लड़किया पहनती है... Yep, निशा क्रिस्चियन है.... और यदि मेरा अंदाज़ा सही था तो ये वही ड्रेस होगी ,जो उसके माँ बाप ने उसके शादी के लिए खरीदी होगा ... उस समय, उसको उस हालत मे देख दिमाग़ पूरा 360 डिग्री टर्न मार दिया...
"Mr अरमान, मुझे तुमसे कुछ बात करनी........" बोलते हुए उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया और सिसक पड़ी....
उस वक़्त सिचुयेशन बड़ी ही क्रिटिकल थी, वरुण और अरुण आँखे फाड़ फाड़ कर मुझे देख रहे थे और मैं खुद भी अपनी आँखे फाड़ फाड़ कर उन दोनो को देख रहा था....
"हुह..."वरुण ने गुर्रा कर मुझे अहसास दिलाया कि मुझे बाहर जाकर निशा से बात करनी चाहिए ,तभी मेरा खास दोस्त अरुण मेरे पास आया और मेरे कान मे बोला
"क्या बेटा, बच्चा तो नही है उसके पेट मे तेरा ...? साले हवसी प्रेग्नेंट करके अब पीछे हो रहा है ."
एक तो मैं वैसे ही डरा हुआ था,उपर से अरुण ने और डरा दिया...? क्यूंकि जो हालतमेरी अभी थी उस हालत मे यदि निशा के पेट मे मेरा बच्चा हुआ तो...???? नहीं... ये नहीं सकता था. जब मैं कुछ देर और बाहर नही गया तो निशा ने एक बार नफ़रत भरी निगाह से मुझे देखा और वहाँ से चली गयी...
"निशा..."मैं भी तुरंत उसके पीछे भागा, बाहर बारिश और तेज हो गयी थी. निशा तो पहले से ही भीगी हुई थी ,उसके पीछे आने के कारण मैं भी लगभग भीग ही गया था....
"निशा..."मैने एक बार और निशा को आवाज़ दी.. अबकी बार वो जहाँ थी वही रुक गयी....
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निशा से मुझे मोहब्बत तो नही थी लेकिन एक लगाव तो था ही और इस रिश्ते के धागे को हम दोनो ने बिस्तर पर बखूबी बुना भी था...हम दोनो के बीच कभी कोई दिखावा जैसा कुछ भी नही रहा, जो था.. सामने था....हम दोनो की ज़िंदगी अकसर रात को निशा के बिस्तर पर से शुरू होकर उसके जिस्म से होते हुए सुबह वापस उसके बिस्तर पर दफ़न हो जाती थी...
लेकिन इस वक़्त ना तो रात थी ना तो मैं उसके बिस्तर पर था.. Infact, .इस वक़्त तो अच्छा ख़ासा दिन था और इस अच्छे ख़ासे दिन मे मैं पूरा भीग चुका था. निशा कुछ देर वहाँ खड़े होकर इंतजार करने लगी कि मैं कुछ कहूँ, लेकिन मैने जब कुछ नही कहा तो वो फिर अपने घर की तरफ बढ़ी ....
"कोई बात है क्या...?..."पीछे से निशा का हाथ पकड़ कर मैं बोला और उसे अपनी तरफ घुमाया....
"कुछ नही..."वापस जाने के लिए वो जैसे ही मूडी तो अबकी मैने उसका हाथ मज़बूती से पकड़ लिया, क्यूंकी निशा को उस ड्रेस मे देख मेरे लेफ्ट साइड मे कुछ-कुछ होने लगा था...
मैं वहाँ कॉलोनी के बीच तेज़ होती बारिश मे निशा का हाथ पकड़ कर खड़ा था, वहाँ उस कॉलोनी मे हम दोनो के सिवा और कई लोग भी रहते है ,ये शायद मै उस पल भूल गया था.... उसने अपना हाथ छुड़ाने की एक बार और कोशिश की लेकिन जब कामयाब नही हुई तो मेरी तरफ देखते हुए बोली.
"छोड़ो मुझे..."और इसी के साथ वो अपने दूसरे हाथ से अपने हाथ को छुड़ाने की कोशिश करने लगी...
"Work done बढ़ गया, लेकिन अफ़सोस कि displacement ज़ीरो ही है ,इस हिसाब से यदि फिज़िक्स की भाषा मे कहे तो एक्चुअल वर्क डन ज़ीरो और कई साल पहले किसी शख्स ने मुझसे कहा था की आप फिज़िक्स के खिलाफ नही जा सकते "मुस्कुराते हुए मैने कहा और निशा को अपने तरफ खींच लिया...
वो सीधे आकर उस तेज़ बारिश मे मुझसे लिपट गयी और उसी वक़्त मैने ,उसी पल मैने वो किया जो मुझे........करना चाहिए था, मैने उसके होंठो को एक झटके मे अपने होंठो मे समेट लिया....शुरू -शुरू मे मैने उसे कसकर पकड़ा हुआ था, लेकिन बाद मे उसके भी हाथ मुझे मेरे सर को सहलाते हुए मुझे महसूस हुए और वैसे भी.... ये अरमान का जादू था, इस जादू से तो ऐश तक नही बच पाई तो फिर ये निशा कैसे बच जाती....🤴
"अब बताएगी , हुआ क्या..."कुछ देर बाद निशा को अलग करके मैने पूछा
मैने उसके लबों को अलग करके उससे पुछा, जवाब मे उसकी आँखो से आँसू के कुछ बूँद निकल कर उधर तेज़ बारिश मे घुल गये और इधर हम दोनो के होंठ एक बार फिर मिल गये.....
"मेरे साथ चलो..."अपना सर मेरे सीने मे टिका कर वो बोली...
आज उसकी आवाज़ जाने क्यूँ इतनी अच्छि लग रही थी, मुझे नही पता...लेकिन आज उसकी आवाज़ मे वो जादू था जो किसी और के आवाज़ मे मैं महसूस किया करता था. आज वो इस ड्रेस मे मुझे उतनी ही प्यारी लग रही थी,जितनी की कभी कोई और लगा करती थी....मैने अपने एक हाथ की मदद से उसे खुद से सटाया ही था कि मेरे कदम खुद ब खुद उसके घर की तरफ बढ़ चले, जैसे मेरी मंज़िल का पता हो उसका वो बड़ा सा बारिश मे भीगता हुआ आलीशान महल...... निशा का सर इस वक़्त मेरे कंधे पर टिका हुआ था, वो इस वक़्त चुप होकर मेरे साथ चले जा रही थी, इस वक़्त उसकी हालत ऐसी थी कि यदि मैं उसे वहाँ छोड़कर चला जाउ तो उसे खुद के घर का पता किसी दूसरे से पुछना पड़े......
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"मेमसाहिब आप ठीक तो है ना...."निशा के घर के बाहर दिन रात पहरा देने वाला गार्ड इस वक़्त होती हुई तेज़ बारिश मे वहाँ अपने छोटे से रूम मे बैठा हुआ था, निशा को मेरे साथ देखकर वो छाता तानकर बाहर आया...
"निशा मेमसाहिब..."अब उसने अपना छाता निशा के उपर कर दिया था "क्या हुआ इनको..."
अपनी आवाज़ कड़क करके वो मुझसे पूछा
"चुप बे... औकात के अनुसार आवाज़ निकाल.. वरना यदि मुंडा बमका ना तो मशक दूंगा तो खसक जायेगा..."
ये सुन वो और गुर्राने लगा और यदि निशा ने तुरंत कोई जवाब नही दिया होता तो पक्का वो मुझे निशा से अलग करके धक्के मारकर वहाँ से निकाल देता...
"मैं ठीक हूँ और ये मेरे साथ ही है..."
"चलिए मैं आपको अंदर तक छोड़ देता हूँ,..."उस पहलवान ने मुझे निशा को मुझसे दूर करने की कोशिश की...
निशा को मुझसे दूर करने के लिए उस गार्ड ने अभी अपना हाथ बढ़ाया ही था की निशा उसपर चिल्ला उठी
"तुम्हे समझ नही आ रहा है, मैने बोला ना कि ये मेरे साथ है..."
निशा के तेज़ आवाज़ से वो गार्ड सकपका गया, मैं खुद हक्का बक्का रह गया था निशा के इस अंदाज़ से....
"माफ़ करना साहिब..."निशा का विकराल रूप देख वो गार्ड मुझसे बोला
"कोई बात नही, तुम जाओ..."
"ये लीजिए..."छाता मेरे हाथ मे देते हुए उसने कहा और गेट के पास बने अपने छोटे से रूम मे वापस चला गया...
"अरमान..."
"बोलो मेमसाहिब..."उस गार्ड के लहज़े मे मैं बोला"क्या हुकुम है मेमसाहिब..."
उसने अपनी गर्दन हिलाकर मुझे मना किया कि मैं उससे ऐसे मेमसाहिब सम्बोधित करके बात ना करूँ, लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था 😁 उड़ता हुआ तीर पिछवाड़े मे लेने की आदत जो है अपनी... निशा के घर के मुख्य दरवाजे के पास पहुंचकर मैने छाता वापस गार्ड के रूम की तरफ फेका और निशा की तरफ देखकर उसे एक बार और मेमसाहिब बोला...
"बोला ना, तुम मत बोलो..."मेरे सीने मे एक हल्का सा प्यार भरा मुक्का मारते हुए वो बोली....
"अंदर चले मेमसाहिब..."बोलते हुए मैं हंस पड़ा....
हम दोनो अंदर आए , मैने दरवाज़ा अंदर से बंद किया और निशा का सर जो इतनी देर से मेरे कंधे मे रक्खा हुआ था,उसे दूर किया...उस एक पल मे जाने क्या हुआ, निशा पर मेरी इस हरकत का ऐसा बुरा असर हुआ कि वो चीख पड़ी और वापस मुझसे लिपट गयी....
"मत जाओ, प्लीज़..."
"मैं कहीं नही जा रहा..."उसकी पीठ सहलाते हुए मैं बोला"और आज तुम्हे हो क्या गया है..........मेमसाहिब...🤣"
Kaushalya Rani
26-Nov-2021 06:44 PM
Nice
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Barsha🖤👑
26-Nov-2021 05:53 PM
बहुत बढ़िया भाग
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Shalini Sharma
23-Sep-2021 12:00 AM
Nice
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